Saturday, May 31, 2008

मेरी शिनाख्त कौन करेगा? (चेन्नई डायरी)

दो-तीन हफ्ते पहले की बात है.. रात के दो बज रहे थे.. मुझे नींद नहीं आ रही थी और मन भी कुछ बेचैन सा हो रहा था.. काफी देर तक मैं बाहर बालकनी में टहलता रहा.. फिर सोचा की टहलना ही है तो सामने सड़क है.. क्यों न वहीं टहल आया जाए? और निकल आया सड़क पर.. मेरे घर के सामने वाली सड़क जो पूरी रात नहीं सोती है और किसी भी समय आपको चेन्नई में कहीं भी जाने के लिए वाहन मिल सकते हैं.. चेन्नई-बैंगलोर में हाइवे को जो जोड़ता है.. कुछ भी हो रात बहुत हो चुकी थी सो सड़क पर वाहनों की संख्या कम हो चुकी थी.. और जहाँ वाहनों की संख्या कम हो और सड़क अच्छी और चौडी हो तो सभी अपनी ही रफ़्तार में भागना पसंद करते हैं.. समां भी कुछ वैसा ही था.. लगभग सभी वाहन ६०-७० से अधिक की रफ़्तार को बनाए हुए थे..

उसी समय बेख्याली में ये ख्याल मुझे आया.. की अगर अभी कोई वाहन मुझे टक्कर मार दे तो? इतना तो मुझे भी पता है की उतनी रात में कोई भी किसी की मदद को नहीं आने वाला है.. वैसे भी भारत में पुलिश से बचने के लिए हिट एंड रन वाले समय में कोई भी मदद को सामने नहीं आता है.. मैं घर से निकलते समय सोचा था की इतनी रात को कौन मुझे फोन करेगा.. सो फोन भी साथ में नहीं रखा था.. आई डी कार्ड की तो बात ही पैदा नहीं होती है..

मैं सोच रहा था की ऐसे समय में मेरे मित्रों को भी सुबह से पहले पता नहीं चलेगा की प्रशान्त घर में नहीं है.. और वो मेरी खोज १० बजे से पहले नहीं करने वाले हैं.. अगर मुझे कुछ हो जाए तो ३-४ दिनों तक तो मेरी शिनाख्त करने वाला भी कोई नहीं मिलेगा..

ये मेरे लिए बस एक ख्याल भर ही था.. मगर कभी आपने सोचा है की कितने ही लोग जो बड़े शहरों की तरफ निकल परते हैं रोजी-रोटी की तलाश में वो अगर कहीं गुम हो जाए तो शायद ही कभी किसी को मिलें.. और चेन्नई जैसे शहर में जहाँ अगर आपको तमिल नहीं आती है तो ८०% लोग आपकी मदद को भी सामने नहीं आते हैं..


आज चेन्नई में फिर से खूब बारिश हुई.. बस आधे घंटे की बारिश, मगर झूम कर.. ये तस्वीर देखिये.. दो बारिश के समय की है और एक बारिश के बाद हुए जल-जमाव की.. यहाँ चेन्नई में मैंने पाया है की अगर बारिश होती है तो जल-जमाव होता है.. मगर किसी अन्य बड़े शहरों की तरह जमा नहीं रहता है.. वो ज्यादा से ज्यादा २-३ घंटो में गायब भी हो जाता है..



फोटो को बड़ा करके देखिये.. अच्छे से आप बारिश की एक एक बूँद देख सकते हैं.. :)

11 comments:

  1. फ़ौरन ऐसी जगह को छोड दो, जहा पानी बरसने के बाद हफ़ते भर तक याद ना दिलायेकि बारिश हुई थी.वो जगह ठीक नही है.रही बात पहचान की अपने साथ अपनी एक फ़ोटॊ और जिस जिस से दुशमनी हो उनके नंबर केब मे हमेशा रखो :) ये तो हुई मजाक , वैसे ऐसे ख्याल मन मे क्यो लाते हो भाइ हमेशा गुणात्मक धनात्मक सोचो ऋणात्मक नही :)

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  2. वाकई एक वाजिब सवाल है साहब ......

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  3. 2-3 ghante pani jama hota hai, aur jayda nahi hai. wah wah. Delhi mein bhi mausam mast ho gaya hai :)

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  4. वाह, भीड़ में भी रहते हैं वीरने के सहारे।

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  5. यार बारिश की तस्वीरें दिखा के हमको जलाओ मत हां, इहां रोज्जै 44 है टेम्प्रेचर, भुने तो पहले ही जा रहे है अब आप जला भी रहे हो ;)

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  6. Bhaiyya, aap nahi bheege baarish mein?
    mazza aata hai. waise tasveeren to aapne sahi samay par kheechin hain. aur main aapko mail karungi. bas thodi busy thin isliye time nahi nikal paayi. waise maine aapka number note kar liya hai aur aapko zaroor call karungi jab chennai aaungi.

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  7. बहुत ही खूबसूरत तस्वीरें.
    जल जमाव का मज़ा तो हम कोलकाता मे लेते है.
    २-४ घंटे की बारिश और कमसे कम २४ घंटे जल जमा रहता है.
    वाह क्या बात है.
    वैसे पहली तस्वीर मे दांयी तरफ़ किसकी फोटो लगी है?

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  8. baarish ke foto dekhkar hi maansoon ke aane ka ehsaas ho gaya...achcha khaka kheencha aapne chennai ki na sone waali sadak ka.

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  9. अरे, शुभ शुभ बोलिये.

    क्या खुशगवार मौसम हुआ है.

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  10. कैसे,कैसे ख्याल आते हैं जी आपको। फ़ोटो धांसू हैं।

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  11. ख़याल बुरा सही, मगर सौ फीसदी सही है. फिर चाहे कोई मजूर हो या software engineer; चाहे पंजाब, मुम्बई हो, या फिर चेन्नई, बंगलोर; क्या फ़र्क़ पड़ता है...??? कौन बैठा है यहाँ किसी की शिनाख्त करने...???

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