पहली बार जब हमारी बात हुई तब उसने एक गीत सुनना चाहा.. मैं टालता रहा.. काफी आग्रह करने के बाद मैंने उसे ये गीत सुनाया था.. उसने पहले इसे कभी नहीं सुना था और यही समझ बैठी थी की ये किसी गायक के द्वारा गाया हुआ गीत है.. एक दिन उसके हाथ ये गीत लग गया और जब उसने सुना तो आश्चर्य चकित रह गई कि ये तो किसी गायिका ने गाया है.. उसे वो गीत कभी अच्छी नहीं लगी, उसने मेरी आवाज में जो पहले सुन रखा था..
समय बितता गया और ना जाने कब वो मुझसे प्यार करने लगी.. उसे ये पता होते हुये भी कि मैं कभी उसे नहीं मिल सकता हूं.. मैं अपनी सारी बुराईयों को गिन-गिन कर बताता, जिससे कम से कम मुझ जैसे बुरे आदमी से वो प्यार तो ना करे.. मगर मैं जितनी बुराईयों को गिनाता, जैसे लगता उसका प्यार उतना ही बढ़ता जा रहा है..
एक दिन उसने मुझसे कहा कि आपको मैं इस जन्म में कभी पा नहीं सकती सो अभी से ही मैं आपको अगले जन्म के लिये बुक कर रही हूं.. बाद में ना कहना.. किसी दिन यूं ही अवसादग्रस्त होकर किसी बात-बेबात पर मैंने कहा की अगर हिंदू धर्म के अनुसार दूसरा जन्म सच में होता है तो मैं धर्म बदल लूंगा मगर दूसरा जन्म नहीं लेना चाहता हूं.. जबाब में उसने याद दिलाया, आप तो पहले ही बुक हो चुके हो.. अब ऐसा मत कहना.. एक जिंदगी तो आपके साथ बिताना चाहती हूं ज्यादा कुछ कहां मांगा है?
लगा जैसे दूर कहीं से कानों में एक आवाज सी गूंज रही है.. खामोश सा अफ़साना, पानी से लिखा होता.. ना तुमने कहा होता, ना हमने सुना होता.. मन में आया एक सिगरेट जला लूं, कुछ तो रहेगा जो ये अहसास दिलायेगा की मैं अकेला नहीं हूं.. भले ही जल कर, भले ही जला कर.. जाने क्या सोच कर वो भी नहीं कर सका, उसे धुवां बहुत लगता जो था.. पहली बार एक कहानी जैसा कुछ लिखा है.. आप बताएं कैसी है?
सलाहें"कहाँ घर लिए हो?"
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"कितने में?"
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"तुमको ठग लिया"
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bhaiyya mujhe to lagta hai ye sach hai!! agar aisi aap ko koi mili thi to likh hi deejiye. waise mere us post par aapke comments padh kar laga ki aap shayad kisi ki khoj mein hain..!!
आप बताये कैसी है ?
ReplyDeleteहमे क्या पता जी पहले उनसे मिलवाईये फ़िर बतायेगे कैसी है :)
पढ़ने पर 13-19 की उमर का अहसास कराती है।
ReplyDelete@ Prashant Sir
ReplyDeleteAb to aap apni Khamoshi todiye aur humein Unka naam bataiye... :D
भाव पूर्ण। अच्छा किया नायक ने सिगरेट नहीं जलाई।
ReplyDeleteघरवालों की बात मान लो वरना ऐसी ही टीनेज फिलॉसफी घेरे रहेगी.
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ReplyDeletepahale yah bataiye kahani hai ya sach tab main kuchh kahungi?
ReplyDeleteकहानी अच्छी है और हाँ, जीवन में भी ऐसा ही कुछ होता है।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
यदि पहली बार है तो वास्तव में अच्छा प्रयास है। लगे रहो, अवश्य ही लोगों को भाने वाली चीजें लिखोगे। मेरी शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteरसरी आवत जात ते सिल पर परत निसान
बहुत अच्छा प्रयास रहा,
ReplyDelete१) गाना तो तुम गाते ही हो, अब हमे न्यूज चैनल टाइप की ख़बर बनाने से कोई नहीं रोक सकता :-) हा हा हा
सुना है तुम्हारे पिताजी भी तुम्हारा ब्लॉग पढ़ते हैं, इस बार फोन जरा संभल के करना :-) लम्बी किलास लगने वाली है :-)
kahaani achchi hai..magar ye kahaani se jyada sach jaisa kuch laga.
ReplyDeletebhaiyya mujhe to lagta hai ye sach hai!! agar aisi aap ko koi mili thi to likh hi deejiye. waise mere us post par aapke comments padh kar laga ki aap shayad kisi ki khoj mein hain..!!
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