Sunday, January 26, 2014

एक अप्रवासी का पन्ना

बात अधिक पुरानी नहीं है...मात्र एक साल पुरानी...अब एक साल में कितने दिन, कितने महीने, कितने हफ्ते और कितने घंटे होते हैं, यह गिनने बैठा तो लगता है जैसे एक युग पहले कि बात की जा रही हो. मगर यह फक़त एक साल पुरानी ही बात है. आज रात ही को चेन्नई से निकला था बैंगलोर के लिए और सत्ताईस की सुबह पहुँचा था. चेन्नई...

Monday, January 20, 2014

ईमानदारी बनाम भ्रष्टाचार

आज अपने वैसे भारतीय मित्रों को देखता हूँ जो फिलहाल विदेश में बसे हुए हैं, लगभग वे सभी "आप" के समर्थक हैं. आखिर ऐसा क्या है जो भारतियों को विदेश में पहुँचते ही "आप" का समर्थक बना देती है? ऐसी मेरी सोच है कि जब वही भारतीय मित्र वापस भारत आयेंगे और वापस यहाँ कार्य करते हुए अपने आस-पास की बेईमानी से...