वो कई सालों तक हमारे साथ रहा.. हम बच्चों के जिद पर ही उसे घर में लाया गया था.. पटना सिटी के किसी पंछियों के दूकान से पापाजी खरीद कर लाये थे.. उससे पहले भी हमने कई बार कोशिश कि थी तोता पालने कि, मगर हर बार कोई ना कोई जुगत लगाकर सभी रफूचक्कर हो जाते थे..दूकान वाले ने बताया था कि यह पहाड़ी तोता है, और...
Saturday, May 29, 2010
Friday, May 28, 2010
क्योंकि जिंदगी से बढ़कर कोई कहानी नहीं होती
इस कहानी का कोई पात्र काल्पनिक नहीं है.. या फिर ये भी कह सकते हैं कि यह कोई कहानी नहीं है.. यह असल जिंदगी कि कड़वी सच्चाई है.. वैसे भी मेरा मानना रहा है कि असल जिंदगी से बढ़कर कोई कहानी नहीं होती है.. यह मेरी एक मित्र कि कहानी है जिससे अचानक कई सालों बाद इस बड़ी सी छोटी होती हुई जा रही दुनिया में तार...
Sunday, May 23, 2010
Friday, May 21, 2010
Thursday, May 13, 2010
दोस्ती को रीडिफाइन करने का समय
छुटपन में घर के बड़े कभी भी किसी से अधिक दोस्ती बढ़ाने के लिए नहीं कहते थे.. बिहार में उस समय जैसे हालत थे उसमे उनका यह एतराज जायज भी था.. समय बदला, हम बच्चो ने भी अपने आसमान तलाशने शुरू किये, फिर कई दोस्त भी बने.. कुछ समय के साथ चले तो कुछ चले गए.. अब से कुछ समय पहले तक के जितने भी मित्र मेरे रडार...
Sunday, May 09, 2010
माँ से जुडी कुछ बातें पार्ट 1
मैंने मम्मी से बचपन में कभी राजा-रानी या शेर-खरगोश कि कहानी नहीं सुनी.. या शायद कोई भी कहानी नहीं सुनी है.. जब से होश संभाला, मैंने उन्हें डट कर मेहनत करते पाया.. पूरे घर को एक किये रहती थी.. और उस एक करने के चक्कर में हम बच्चे उनसे डरे सहमे रहते थे.. किसी बात पर गुस्सा होकर किसी से २-४ दिन या शायद...
Saturday, May 08, 2010
Thursday, May 06, 2010
मैं कई बार मर चुका हूंगा - पाब्लो नेरूदा
सारी रात मैंने अपनी ज़िन्दगी तबाह कीकुछ गिनते हुए,गायें नहींपौंड नहींफ़्रांक नहीं, डालर नहीं...न, वैसा कुछ भी नहींसारी रात मैंने अपनी ज़िन्दगी तबाह कीकुछ गिनते हुए,कारें नहींबिल्लियाँ नहींमुहब्बतें नहीं...न!रौशनी में मैंने अपनी ज़िन्दगी तबाह कीकुछ गिनते हुए,क़िताबें नहींकुत्ते नहींहिंदसे नहीं...न!सारी...
Tuesday, May 04, 2010
समाजवाद बबुआ, धीरे-धीरे आई
समाजवाद बबुआ, धीरे-धीरे आईसमाजवाद उनके धीरे-धीरे आईहाथी से आईघोड़ा से आईअँगरेजी बाजा बजाई, समाजवाद...नोटवा से आईबोटवा से आईबिड़ला के घर में समाई, समाजवाद...गाँधी से आईआँधी से आईटुटही मड़इयो उड़ाई, समाजवाद...काँगरेस से आईजनता से आईझंडा से बदली हो आई, समाजवाद...डालर से आईरूबल से आईदेसवा के बान्हे धराई,...