Saturday, January 03, 2009

ई आर.के.लछमन कउन चिड़िया के नाम है जी?

इधर रविश वाले कस्बा जी.. अर्रर्रर्र.. माफ किजियेगा, कस्बा वाले रविश जी हल्ला मचईले थे कि पवनवा ही उत्तर भारत का आर.के.लछमन है, और अभीये एक पोस्ट से पता चला कि नहीं ई त कौनो इरफ़ान भैया हैं.. हम त पूरे कंफूजिया गये हैं.. केकरा के बात मानल जाई? इनका बात माने तब दिक्कत, उनका बात माने तब दिक्कत.. हमरा अपना बिचार त ईहे है कि जो जैसन है ओकरा के वैसने रहने दिया जाये.. झूट्ठे के हल्ला करे से का मिली? कंपरीजन करे से कुच्छो मिलेगा थोड़े ही ना? आप ही कहिये? आप तो हियां ऊ दून्नू का कार्टून देखिये.. दून्नू में टैलेंट बहुते है..

पहले पवन भैया का तीनों कार्टून जो रविश भैया छापे थे -




रविश भैया के चिट्ठवा से उड़ईले हैं ई.. ;)

और ई इरफ़ान भैया का कार्टून -



विरोध से उड़ाये हैं.. ;)

हम अपना पर्सनल बात किसी को बताते तो नहीं हैं, लेकिन यार-दोस्त से का छुपाना? पवन भैया से मिले हैं 3-4 बार.. मुन्ना भैया के साथ घर पर आते थे.. और 1-2 बार शायद प्रभात खबर(पटना बला) के ऑफिसवा में.. शायद एसप्लेंडर से.. देख के लगता नहीं था कि कहियो मुंह-कान धोते थे, दाढ़ीयो नहीं बना होता था.. लेकिन बात त खूब मजेदार करते थे.. अब ऊ समय बच्चा थे सो हमसे तो बच्चे जैसा बात करते थे.. और रही बात इरफ़ान भैया कि तो कहियो मौका मिला तो इरफ़ान भैयो से जरूर मिलेंगे.. :)

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7 comments:

  1. बहुत ख़ूब इरफ़न के ब्लाग पर जा चुका हूँ

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  2. भईया यह टुटे फ़ुटे इरफ़्रान भईयां तो ना ही है ना,एक इरफ़ान भाई थे जो खुब हमारे देवी देवताओ की फ़ॊटू चिपकाये रहता ,जिन पर हमार भाईयो को खेद आवत रहत, लेकिन यह भाईया तो खुब मजा लेत रहत, इब हम तो क्या मुकाबला करते इन भाई का, सो हम ने तो उस तरफ़ देखना ही छोड दिया, क्योकि हम तो सभी उस ऊपर वाले को एक ही मानते है, चाहे नाम अलग अलग हो, भाई अपनी अपनी समझ,
    य इरफ़ान भाईया खुश रहै
    धन्यवाद

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  3. दोनों की शैली भिन्न है। इरफान कार्टूनकार हैं तो पवन कार्टून कथाकार।
    दोनों का अपना महत्व है।

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  4. बढिया जी. हमने भी मजा लिया पोस्ट का और टिपणियों का भी.

    रामराम.

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  5. irfan ke cartoon ka javab nahi .vaise ye laxman vala khelva suru kisne kiya.

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  6. Prashant priyadarshi yani Appu? if yes then email me at gpat029@gmail.com. Gautam

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