Wednesday, June 30, 2010

"परती : परिकथा" से लिया गया - भाग ३

गतांक से आगे :मूर्छा खाकर गिरती, फिर उठती और भागती । अपनी दोनों बेटियों पर माँ हंसी--इसी के बले तुम लोग इतना गुमान करती थी रे ! देख, सात पुश्त के दुश्मनों पर जो गुन छोडना मन है, उसे-ए-ए छोड़ती हूँ--कुल्हड़िया आँधी, पहड़िया पानी !कुल्हड़िया आँधी के साथ एक सहस्त्र कुल्हाड़ेवाले दानव रहते हैं, और पहड़िया पानी...

Tuesday, June 29, 2010

"परती : परिकथा" से लिया गया - भाग २

जहाँ छूटा था, वहां से आगे :छोटी ने करवट लेकर कहा--माँ ! चुपचाप सो रहो । बीस कोस भी तो नहीं गयी होगी । पचास कोस पर तो मैं उसका झोंटा धरकर घसीटती ला सकती हूँ ।बड़ी बोली--सौ कोस तक मेरा बेड़ी बान, कड़ी-छान गुन चलता है । भागने दो, कहाँ जायेगी भागकर ?माँ बोली - अरे आज ही तो गुन-मंतर देखूंगी तुम दोनों का । तुम्हे...

Saturday, June 26, 2010

"परती : परिकथा" से लिया गया - भाग १

कथा का एक खंड--परिकथा !---कोसी मैया की कथा ? जै कोसका महारानी की जै !परिव्याप्त परती की और सजल दृष्टि से देखकर वह मन-ही-मन अपने गुरु को सुमरेगा, फिर कान पर हाथ रखकर शुरू करेगा मंगलाचरण जिसे वह बंदौनी कहता है : हे-ए-ए-ए, पूरबे बंदौनी बंदौ उगन्त सिरूजे ए-ए...बीच-बीच में टिका करके समझा देगा---कोसका मैया...

Thursday, June 24, 2010

दो बजिया बैराग्य सा कुछ

नौ बजे की घंटी के साथ नींद हलकी खुली, उसे स्नूज पर डाल दिया.. दो-चार मिनट पर फिर से बजने लगा.. ऐसे ही दो-चार, दो-चार करते-करते नौ-पन्द्रह पर आँखें मींच कर उठ ही गया.. रात कब आँख लगी थी कुछ पता ही नहीं चला था.. हाँ ये जरूर याद है की जर्मनी मैच जितने के कगार पर था, Phines and Ferb कार्टून खत्म होने को...

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आजकल खुद से लड़ाई चल रही है.. मन स्थिर नहीं हो पा रहा है.. कई तरह के अंतर्द्वंदो से घिरा हुआ मन आपस में ही टकरा कर जैसे अंदर ही घुटकर दम तोड़ दे रहा ह...

Sunday, June 20, 2010

My Idol, My Dad

अभी दो-चार दिन पहले कि ही बात है.. एक Time Management Training Program में अचानक से पूछा गया, "Who is your idol? किसी और के कुछ कहने से पहले ही मेरे मुह से यंत्रवत निकल गया "My Dad." मुझे फिर अगला सवाल पूछा गया, "Why? You...

Thursday, June 17, 2010

बस ऐंवे ही कुछ भी

उसे पता था कि मेरा फोन रोमिंग पर है, मगर फिर भी हम फोन पर लगे हुये थे.. चलो, इस सरकार में चावल दाल की कीमते भले ही आसमान छू रही हों, मगर कम से कम मोबाईल बिल रोमिंग पर भी कम ही आता है.. शायद सरकार बातों से ही जनता का पेट...

Friday, June 04, 2010

ब्लाह..ब्लाह..ब्लाह..

"मैं बहुत कम बोलती हूं ना, सो कभी-कभी बहुत दिक्कत हो जाती है.." पिछले दस मिनट से लगातार बोलते रहने के बाद एक लम्बा पॉज देते हुये वो बोली..कुछ दिनों से लग रहा है कि हिंदीभाषी अब धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं मेरी कंपनी में, आज से तीन साल से तुलना करने पर उत्तर भारत के अधिक लोग दिखाई पड़ते हैं अब.."मुझे...

Tuesday, June 01, 2010

एक शहर, मसरूफियत और जिंदगी

अब उसका यहाँ चेन्नई से जाना लगभग तय हो चुका है.. एक तरह का काउंटडाउन चल रहा है.. कल तक जब उसका जाना तय नहीं था तब वह हर दूसरे-तीसरे दिन चेन्नई को कोसती हुई मिलती थी.. और किसी तरह यहाँ से भागने कि इच्छा जताती रहती थी.. दफ्तर...