Saturday, September 29, 2007

दो विपरीत अनुभव

पहला अनुभवमैं चेन्नई में जहां रहता हूं वहां से कार्यालय जाने वाले रास्ते में 'बस' में बहुत ज्यादा भीड़ होती है। उस भीड़ का एक नजारा आप भी इस तस्वीर में ले सकते हैं। (चित्र के लिये आभार 'हिंदू' को)मैं उस दिन अपने कार्यालय से...

Monday, September 24, 2007

कवि का निर्माण (व्यंग्य)

मैंने अक्सर लोगों को और अपने दोस्तों को कहते सुना है कि जब किसी का दिल इश्क़ में टूटता है तो वो कवि बन जाता है और कवितायें लिखने लगता है। मेरी भाभी मुझे अक्सर चिढाती भी हैं कि आपका दिल किसने तोड़ा कि आप कवितायें लिखने लग गये।...

"सामर्थ्य और सीमा" के कुछ अंश

'टन-टन-टन' घड़ी ने तीन बजाये और चौंककर मेजर नाहरसिंह ने अपनी आंखें खोल दीं। अब मेजर नाहरसिंह को अनुभव हुआ कि रात के तीन बज गये हैं। दिन निकलने में कुल दो घण्टे बाकी हैं। कितनी तेजी के साथ यह समय बीत रहा है। इस समय को सेकण्ड, मिनट, घण्टे, दिन-रात, महीनों, वर्षों, सदियों, युगों और मन्वन्तरों में विभक्त...

Saturday, September 22, 2007

कल्पनायें

आज अपने एक मित्र से बात कर रहा था तो वो युं ही मज़ाक में बोली थी कि अब बस इमैजिनेट करते रहो, उस समय मन किसी और ही भंवर में फ़ंसा हुआ था और मन ही मन में ये कुछ शब्द उभर आये जो मैं यहां लिख रहा हूं।असीमित इच्छाओं की उड़ान,जैसे पंछियों का गगन में उड़ना,मगर ये मानव मन की उड़ान,कुछ अलग है उनसे..जैसे,निर्जीव 'औ'...

Wednesday, September 12, 2007

कुछ कविताऐं दोस्तों की तरफ़ से

मैंने आज का अपना ये पोस्ट अपने इंटरनेट के मित्रों के नाम किया है जो अपने आप में एक अनूठे व्यक्तित्व के स्वामी हैं। एक का नाम है वंदना त्रिपाठी और दूसरे हैं सजल कुमार। दोंनो ही अपने आप में कई खूबियों को समेटे हुये हैं। वंदना जी से मैं सबसे पहले दिसम्बर महीने में मिला था और सजल जी से मैं कब मिला मुझे...

Tuesday, September 11, 2007

तुझसे नाराज़ नहीं जिंदगी

आज सुबह से ही मैं इस गीत को मन ही मन गुनगुना रहा था, सो सोचा क्यों ना आज इसे अपने ब्लौग पर चिपका ही दूं। वैसे मुझे इस सिनेमा के सारे गाने ही पसंद हैं और 'लकड़ी पे काठी' वाला गाना तो मेरे बचपन की याद से भी जुड़ा हुआ है पर...

Monday, September 10, 2007

अव्यवस्थित किस्से

जैसा कि मेरे इस लेख का विषय है, आपको मेरे इस लेख में कुछ भी व्यवस्थित रूप में नहीं मिलेगा। सो आपसे निवेदन है कि आप कृपया इसमें सामन्जस्य बिठाने की कोशिश ना करें। इसमें कोई भी घटना कहीं से भी किसी भी तरफ़ मुड़ सकती है, इसका...