
दो लोग अनिश्चितता की स्थिति में बैठे हुए थे.. एक ही बेंच पर.. दोनों अपने कोने को पकड़ कर, जैसे किसी समानांतर रेखा कि ही तरह कभी ना मिलने वाले.. यह एक लंबी बेंच थी जिस पर कोई भी बैठ सकता था, और अभी वे दोनों बैठे हुए थे.....
पापा जी को पैर दबवाने की आदत रही है. जब हम छोटे थे तब तीनों भाई-बहन उनके पैरों पर उछालते-कूदते रहते थे. थोड़े बड़े हुए तो पापा दफ्तर से आये, ख...