tag:blogger.com,1999:blog-1364552172608471144.post7154977346078107635..comments2023-11-05T14:18:40.316+05:30Comments on मेरी छोटी सी दुनिया: तबे एकला चलो रे।PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-1364552172608471144.post-7295057469586964952010-07-07T13:00:04.680+05:302010-07-07T13:00:04.680+05:30अच्छा विचार है, मगर अकेला होना अपने आप में तब तक ह...अच्छा विचार है, मगर अकेला होना अपने आप में तब तक है जब तक हम क्षुद्र मानवीय सीमाओं में अपने को निम्नतर अनुभूतियों से बाँधे हुए हैं।<br />एक बार यह कारा टूटे तो यह शून्य ही अनन्त है।<br />विराट होती है नज़र, तब नज़र आता है कि मैं भी मैं, तुम भी मैं; यह भी मैं - वह भी मैं।<br />"ज्योतिरेव ज्योतिषाम् ज्योतिरेकं"<br />मैं ही ख़ुदा, मैं ही बन्दा<br />मैं ही रावण - मैं ही राम<br />मैं अकेला न कभी था, न हूँ न रहूँगा।<br />जब मुझे लगेगा कि मैं अकेला हूँ - तो<br />"एकोऽहं बहुस्यामि"<br />और तब संसार सजेगा -लीलाएँ होंगी।<br />बहुत आभार प्रेरक और विचारोत्तेजक पोस्ट के लिए।Himanshu Mohanhttps://www.blogger.com/profile/16662169298950506955noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1364552172608471144.post-28244943004476280682010-07-05T14:33:37.933+05:302010-07-05T14:33:37.933+05:30समस्या तब होती है जब जीतने की क्षमता न हो और हारने...समस्या तब होती है जब जीतने की क्षमता न हो और हारने का मन । उहापोह बनी रहती है, त्रिशंकु जैसी स्थिति बन जाती है । मैं इन स्थितियों में पूर्णरूप से हार मानने के बाद जो खंडहर शेष रहते हैं, उनसे मकान बनाना पुनः प्रारम्भ करता हूँ ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1364552172608471144.post-60125381042015526422010-07-05T08:49:42.413+05:302010-07-05T08:49:42.413+05:30मैंने इसका हिंदी में किया गया अनुवाद अभी इसी पोस्ट...मैंने इसका हिंदी में किया गया अनुवाद अभी इसी पोस्ट में अपडेट किया है..PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1364552172608471144.post-67507425856621203722010-07-05T08:24:29.816+05:302010-07-05T08:24:29.816+05:30हम भी यही सोचते हैं, "तबे एकला चलो रे" अ...हम भी यही सोचते हैं, "तबे एकला चलो रे" अगर इसका अर्थ हो तो वो भी जरुर दें, गीत बहुत बार सुना है अच्छा भी लगता है पर प्रवाह में बह जाते हैं, अर्थ समझने की कोशिश नहीं की, क्योंकि मन कहीं बह जाता है।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1364552172608471144.post-2347344164290306582010-07-04T22:43:01.520+05:302010-07-04T22:43:01.520+05:30ऐकला चोलो रे पूरा कभी नहीं पढा था।
इसे पढवाने के ल...ऐकला चोलो रे पूरा कभी नहीं पढा था।<br />इसे पढवाने के लिए आभार!<br />जीवन एक पाठशाला है जिसमें व्यक्ति अनुभवों से शिक्षा ग्रहण करता है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1364552172608471144.post-91457899909887726892010-07-04T21:05:05.822+05:302010-07-04T21:05:05.822+05:30एकला चलो रे... पहली बार पढ़ा बहुत आभार ..एकला चलो रे... पहली बार पढ़ा बहुत आभार ..shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1364552172608471144.post-58566752026438505312010-07-04T13:43:47.232+05:302010-07-04T13:43:47.232+05:30विचार अच्छे लगे दोस्त.. एकला चलो रे पहली बार पढ़ा....विचार अच्छे लगे दोस्त.. एकला चलो रे पहली बार पढ़ा..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1364552172608471144.post-35079110140932854832010-07-04T07:02:43.260+05:302010-07-04T07:02:43.260+05:30यह लड़ाई किससे है? कैसा है यह अंतर्द्वंद? लग रहा है...यह लड़ाई किससे है? कैसा है यह अंतर्द्वंद? लग रहा है जैसे हारी हुई बाजी को सजा रहा हूँ...<br /><br />एकला चलो रे!<br /><br />Kabhi kabhi aisa hi lagta hai...shayad hum kamjor ho jate hain unn moments mein...ya fir apnon se dukhi...ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1364552172608471144.post-26780198476179235252010-07-04T06:28:47.252+05:302010-07-04T06:28:47.252+05:30गिरते हैं शहसवार ही
वो क्या उठेंगे जो कभी चले ही न...गिरते हैं शहसवार ही<br />वो क्या उठेंगे जो कभी चले ही नहीं.<br />सहमत.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1364552172608471144.post-72365117773601328502010-07-04T06:12:44.623+05:302010-07-04T06:12:44.623+05:30एकला चलो रे! .....
आभार इस प्रस्तुति का.एकला चलो रे! .....<br /><br /><br />आभार इस प्रस्तुति का.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1364552172608471144.post-17389430602467956652010-07-04T02:58:36.885+05:302010-07-04T02:58:36.885+05:30धन्यवाद अछ्छी प्रस्तुती
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->सुप्रसिद्ध साहित्य...धन्यवाद अछ्छी प्रस्तुती<br />।<br /><br />->सुप्रसिद्ध साहित्यकार और ब्लागर गिरीश पंकज जी के साक्षात्कार का आखिरी भाग पढने के लिऐ <a href="http://etips-blog.blogspot.com" rel="nofollow">यहाँ क्लिक करेँ ->>>></a>Anonymousnoreply@blogger.com